जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

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मसौली बाराबंकी। जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गुलजार अंसारी की अगुवाई मे कार्यकर्ताओ ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौपा जिसमे नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में दुर्भावनापूर्ण सविंधान की कटी छटी प्रस्तावना बाटना सविंधान बदलने की साजिश को लेकर रोष प्रकट किया गया।

जिलाध्यक्ष गुलजार अंसारी ने कहा कि प्रस्तावना को भारतीय संविधान का हृदय और आत्मा माना जाता है।इसकी मूल संरचना में बदलाव नहीं किया जा सकता है।
साल 2008 में कोलकाता के एक एनजीओ गुड गवर्नेंस फाउंडेशन ने प्रस्तावना से समाजवादी शब्द को हटाने से जुड़ी एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। तथा साल 2021 में बीजेपी सांसद केजे अल्फोंस ने राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाकर प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ शब्द हटाने का प्रस्ताव पेश किया था, वहीं साल 2020 में बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने भी ऐसी ही मांग करते हुए राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था।
साल 2015 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना की जगह ऐसी प्रति का इस्तेमाल किया था, जिसमें सोशलिस्ट और सेक्युलर (‘समाजवादी और पंथ-निरपेक्ष’) शब्द नहीं थे।
19 सितंबर 2023 को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कानून मंत्रालय द्वारा फिर से सविंधान की प्रस्तावना की ऐसी ही प्रति दुर्भावनापूर्ण वितरित की गई जिसमें सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नही हैं।ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा सविंधान को बदलने की साजिश कर रही है ।
आज जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को इस सम्बंध में हस्तक्षेप करने के लिए ज्ञापन दिया गया।

इस अवसर पर, ज़िला उपाध्यक्ष दिलशाद वारसी अधिवक्ता अकरम भारती, ज़िला सचिव मोईनुद्दीन अंसारी हसीब नेता शहर अध्यक्ष, गुड्डू टेलर, अब्दुल हाई .तमसील अंसारी आदि लोग उपस्थित थे। रिपोर्ट-महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

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