महर्षि वाल्मीकि ने रामायण द्वारा न केवल मर्यादा की मूर्ति श्रीराम के चरित्र की रचना की

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मसौली बाराबंकी। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण द्वारा न केवल मर्यादा की मूर्ति श्रीराम के चरित्र की रचना की, बल्कि उन्होंने उस समय के समाज में स्त्री जीवन की समस्याओं का यथार्थ चित्रण भी किया। महर्षि वाल्मीकि ने अपने कृतित्व के जरिए समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। शनिवार को क्षेत्र मे महर्षि वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई गई।

मसौली चौराहे पर उत्तर प्रदेश सफाई कर्मचारी संघ के ब्लाक अध्यक्ष सचिन वाल्मीकि की अगुवाई में वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई गई। महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए थानाध्यक्ष गजेंद्र प्रताप सिंह एव सहायक विकास अधिकारी पंचायत जानकीराम ने कहा कि वाल्मीकि जी ने समाज को एक ही माला में पिरोने का काम किया है। सचिन वाल्मीकि ने समाज को संगठित होने की अपील करते हुए कहा कि उनके बताए रास्ते पर चलकर ही समाज की उन्नति हो सकती है। इस मौके पर भजन कीर्तन का आयोजन हुआ।
जयंती के मौक़े पर पंडित रामकुमार मिश्रा, जैसीराम यादव, लल्ला यादव, शिवा बाल्मीकि उमेश प्रमोद हरिशंकर महेश प्रताप सिंह दिलीप कुमार वाल्मीकि सावित्री देवी, नीतू वाल्मीकि, मनीष वाल्मीकि, मनोज कुमार, सतीश, ने पुष्प अर्पित किया।

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