बाराबंकी विकास प्राधिकरण के विरोध में क्यूं उतरी किसान सभा

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बाराबंकी विकास प्राधिकरण के विरोध में क्यूं उतरी किसान सभा

बाराबंकी। भारतीय कम्यूनिस्ट पार् के किसान संघठन किसान सभा ने बाराबंकी विकास प्राधिकरण के गठन का विरोध किया है। किसान सभा ने इसे रद्द करने के लिए शुक्रवार को प्रदर्शन किया और इसे रद्द करने की मांग की। किसान सभा का आरोप है कि बाराबंकी विकास प्राधिकरण का गठन किसानों को बर्बाद करने के लिए है।

सरकार किसानों को बर्बाद करने के लिए तथा उनकी उपजाऊ जमीन को छिनने के लिए बाराबंकी विकास प्राधिकरण का फिर से गठन करने जा रही है। इसके पूर्व एक बार बाराबंकी विकास प्राधिकरण का गठन का प्रस्ताव किया गया था। जिसका विरोध किसान सभा व किसानों ने किया था और प्रस्तव रद्द कर दिया गया था। उक्त विचार बाराबंकी विकास प्राधिकरण को रद्द करने के लिए किसान सभा द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शनकारियोॆ को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के जिलाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र पर विकास प्राधिकरण बनाने की बात है वह क्षेत्र जनपद का सबसे उपजाऊ क्षेत्र है। जहां पर पिपरमिंट, आलू, खरबूजा, तरबूज, आम आदि नगदी फसलों की भरपूर उपज होती हैं और किसान खुशहाल रहता है। सरकार और भू माफिया के गठजोड़ के कारण उक्त जमीन पर बाराबंकी विकास प्राधिकरण का गठन कर किसानों को बर्बाद करने की योजना है। किसान सभा के नेता प्रवीण कुमार ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन पर क्यों टाउनशिप का निर्माण करना चाहती है, क्योंकि एक एक आदमी के चार चार मकान हैं और सरकार कोई ऐसा नियम बनाने में असमर्थ हैं कि एक व्यक्ति एक मकान होना चाहिए। किसान सभा के नेता शिवदशर्न वर्मा ने कहा कि बाराबंकी विकास प्राधिकरण का किसान जमकर विरोध करेंगे और इसको लागू नहीं होने देंगे।
अंत में राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया जिसमे, बाराबंकी विकास प्राधिकरण को रद्द किया जाए, कृषि को कार्पोरेट घरानों के जाल से मुक्त जाए, सिंथेटिक मेथा आयल का आयात तत्काल बंद किया जाए, छुट्टा जानवरों को तत्काल पकड़ कर बंद किया जाए, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कर C2+50 के फार्मूले से फसलों का लाभ कारी मूल्य दिया जाए, फसलों के उन्नत बीच के भी न्यूनतम मूल्य घोषित किए जाए।

प्रदर्शनकारियों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव ब्रज मोहन वर्मा, रामनरेश, भुनेश्वर प्रसाद, जितेंद्र श्रीवास्तव, आशीष शुक्ला, महेंद्र यादव, संदीप कुमार, श्याम सिंह, राजेंद्र बहादुर राना, नुपुर सिंह अमर सिंह प्रधान, सर्वेभ यादव आदि प्रमुख लोग थे।

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