जब-जब पृथ्वी पर दुस्टो का अत्याचार बढ़ता है तब तब भगवान को अवतार लेना पड़ता है

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बनीक़ोडर बाराबंकी , जब-जब पृथ्वी पर दुस्टो का अत्याचार बढ़ता है तब तब भगवान को दुस्टो का संघार करने के लिए किसी न किसी रूप में अवतरित होना पड़ता है। जो अस्त्र-शस्त्र से नहीं मरता है वह पुष्प के वाणों से धराशाई हो जाता है ।उक्त बातें श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन पांडेय मार्केट कोटवा सड़क कोटवा धाम रोड सोहिलपुर में केशव राम पांडेय के निवास पर अयोध्या से पधार कर आए दिवाकर वेदांश महाराज ने कही। उन्होंने भगवान कृष्ण के जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस का जब अत्याचार बढा तो भगवान कृष्ण ने देवकी व वासुदेव के पुत्र के रूप में जन्म दिया ,जब कंस को मालूम हुआ कि देवकी की आठवीं संतान उसके काल के रूप में आएगी तो उससे क्रोधित होकर देवकी को ही मारना चाहा ,लेकिन वासुदेव की अनुनय विनय के बाद देवकी को न मारकर दोनों को कैद खाने में डालकर उसने उत्पन्न सभी संतानों को मारने का प्रण कर डाला।

आगे श्री कथावाचक ने कहा कि लेकिन उसे क्या मालूम था कि सब की रक्षा करने वाले को कौन मार सकता है जब कंस को मालूम हुआ कि उसे मारने वाला गोकुल में पैदा हो चुका है तो उसने कृष्ण को मारने के लिए पूतना, अकासुर बकासुर आदि राक्षसों को भेजा ,लेकिन कृष्ण जी ने सभी को बाल्यावस्था में ही मार गिराया ,इसके बाद वाचक ने और कई कथाओं का वर्णन किया जिसको सुनकर भक्त भाव विभोर हो गये। इस अवसर पर दिग्विजय पांडेय पूर्व प्रधान दिलीप कुमार विश्वकर्मा व्यापार मंडल अध्यक्ष, डॉ एम एल साहू,डॉ राम प्रकाश दो त्रिपाठी संतोष कुमार कौशल दिलीप कौशल पिंटू कौशल महेश कुमार नन्हे कौशल आदि तमाम भक्त मौजूद रहे।

रिपोर्टर
डॉ एम एल साहू
आवाज ए जिंदादिल
ब्यूरो प्रमुख उत्तर प्रदेश।

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