बनीक़ोडर बाराबंकी ,श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत सातवें दिन की कथा में भगवान कृष्ण के दिव्य दिव्य लीलाओं का वर्णन किया गया।
भगवान के अनन्य भक्त सुदामा जी का पावन चरित्र श्रवण कराया गया जिसके अंतर्गत दिवाकर वेदांश जी महाराज ने बताया कि भगवान प्रेम के भूखे हैं पनिश्छल भाव से आप किसी भी तरह बस भगवान से जुड़ जाओ भगवान उतने में ही प्रसन्न हो जाते हैं सुदामा चरित्र का सिर्फ एक ही तात्पर्य है हम और आप जैसे लोग भी भक्त सुदामा जैसे ही ठाकुर के चरणों में जुड़े और भगवान हम पर भी कृपा करें आगे महाराज श्री ने और भी कई चरित्र बताएं जिसमें मुख्य रूप से भगवान दत्तात्रेय जी के 24 गुरुओं का वर्णन और कलयुग में होने वाली विविध विविध घटनाओं का वर्णन किया गया तथा सबसे अंत में परीक्षित जी के मोक्ष की दिव्य कथा सुनाकर महाराज श्री ने मानव जीवन का सार बताया। तत्पश्चात भगवान की दिव्य आरती के साथ पुराण पुरुषोत्तम मोक्षदायिनी पतित पावनी श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम हुआ इस अवसर पर रामबालक यादव, राम सजीवन मिश्रा, दिग्विजय पांडेय, केशवराम पांडेय, आदि तमाम भक्त मौजूद रहे।
रिपोर्टर
डॉ एम एल साहू
आवाज ए जिंदा दिल
ब्यूरो प्रमुख उत्तर प्रदेश।