यूटा का ज्ञापन, ऑनलाइन उपस्थिति का किया बहिष्कार

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यूटा का ज्ञापन, ऑनलाइन उपस्थिति का किया बहिष्कार

ब्यूरो चीफ विशाल गुप्ता की रिपोर्ट

बाराबंकी: बुधवार की शाम को यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर बुधवार को जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार व अन्य पदाधिकारियों ने डिजिटलाइजेशन के विरोध में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन ज़िलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर अतिरिक मजिस्ट्रेट को सौंपा। शिक्षकों को लगातार ऑनलाइन उपस्थिति के सम्बन्ध में निर्देश दिये जा रहे है। शिक्षकों का कहना है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किये जाने से वह आक्रोशित है। जब हमारी समस्याओं को समझकर हमारी माँगें पूरी कर दी जाएगी उसके बाद ऑनलाइन उपस्थिति देने में किसी भी तरह की न तो कोई समस्या होगी न ही विरोध किया जायेगा। शिक्षक संगठनों व शिक्षकों ने आठ जुलाई से शुरू हुई ऑन लाइन उपस्थिति का लगातार बहिष्कार किया हुआ है। शिक्षकों ने काली पट्टी हाथ में बांध कर शिक्षण कार्य किया लेकिन अधिकांश शिक्षकों ने ऑन लाइन उपस्थिति नहीं दर्ज कराई। इसी विरोध और अपनी माँगों को लेकर यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन “यूटा” सहित अन्य संगठनों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर अपने मांगों के समर्थन में ज्ञापन दिया।

लगातार शिक्षक संगठन कर रहे है विरोध: 8 जुलाई से शिक्षक विभिन्न तरीको से अपनी माँगो को लेकर विरोध कर रहे है, उसी क्रम में शिक्षकों ने काली पट्टी बांध, एक्स पर भी ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर ट्रेडिंग होती नज़र आयी। शिक्षकों की समस्याओं को बिना सुने, उनकी मांगों को पूरा किये बिना ही ऑन लाइन उपस्थिति से शिक्षकों व उनके संगठनों में आक्रोश है। जिले में 2634 स्कूलों में 12 हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। पहले दिन आन लाइन उपस्थिति का बहिष्कार करते हुए इनमें से अधिकांश शिक्षकों ने हाथ में काली पट्टी बांध कर विरोध जताते हुए शिक्षण कार्य किया, उसके बाद से लगातार ज्ञापन दिया जा रहा है। विरोध लगातार जारी रखते हुए संगठाओं ने फ़ैसला लिया है कि विरोध करते हुए अपनी ऑन लाइन उपस्थिति नहीं दर्ज कराई जायेगी।

ज्ञापन कार्यक्रम में शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने कहा कि बिना हमारी समस्याओं का समाधान किए ऑनलाइन उपस्थिति दे पाना संभव ही नहीं है। शिक्षकों की प्रमुख माँगों को ज्ञापन कार्यक्रम के दौरान बैनर के माध्यम से बहुत अच्छे तरीक़े से प्रस्तुत किया गया। जिनमें 15 दिन का हाफ सीएल, 31 दिन का ईएल, कैशलेश इलाज, राज्य कर्मचारी का दर्जा, फल-दूध ख़रीदने से मुक्ति, नेटवर्क की समस्या दूर हो, पुरानी पेंशन, स्कूलों के रास्ते सही हो आदि माँगे प्रमुख रूप से रखी गई। जिला संगठन मंत्री दीपक मिश्र ने बताया कि शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण किए बिना डिजिटलीकरण के आदेश का यूटा व महासंघ पूरी तरह से बहिष्कार करता है।

इस अवसर पर JHSS के प्रदेश महामंत्री अरुणेन्द्र कुमार मुन्ना, ज़िलाध्यक्ष आरएसएम सुनील कुमार, JHSS के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह,अटेवा ज़िलाध्यक्ष अमित कुमार, आनंद पांडे, सत्येन्द्र भास्कर, पूर्णेश प्रताप सिंह, प्रदीप श्रीवास्तव, श्रीति बैसवार, शाकिब किदवई, आलोक श्रीवास्तव, अनिल कुमार, उमाकांत पांडे, मनोज चौधरी,, अभय सिंह, मोहित सिंह, चन्द्र प्रकाश सिंह, शशिराज जायसवाल, राहुल सिंह, विवेक राठौर, रामपाल रावत, मनीष बैसवार, सर्वेश दीक्षित,धर्मेंद्र वर्मा सच्चिदानंद सिंह, संदीप गौतम, देवेंद्र, जय सिंह, सुशील सैनी, विनोद वर्मा, वीरेंद्र विक्रम सिंह, शिवकुमार,विवेक मिश्र, आदि सैकडो शिक्षक व यूटा एवम अन्य संगठनों के पदाधिकारी व सैंकड़ों की संख्या में शिक्षक शिक्षिका शामिल रहे।

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